News Saga Desk
रांची। संयुक्त बिहार में रांची जिला के मोराबादी दाल्हातु गाँव में फेतिया मुंडा और धाधु मुंडा के पुत्र का जन्म हुआ, नामकरण हुआ दुर्गा उराँव। बितते समय के साथ परिवार के बिच रहकर खेती किसानी भी कि। बुरे वक़्त में मजदुरी का काम भी किया। उनके अलग राज्य का सपना एवं आन्दोलनकारियों का परिणाम स्वरुप झारखंड राज्य का निर्माण हुआ। हर घर में उल्लास और खुशी का माहोल था। सभी के आँखों में सुनहरे भविष्य के सपना जगमगा रहे थे। सत्ता, विश्वास के दावे कर रहा था ।
भ्रष्टाचार समय के चरम पर था। भगवान बिरसा की धरती पर भ्रष्टाचार से लहू लुहान हो रहा था। तब दुर्गा उरांव ने जनहित याचिका दायर कर भ्रष्टाचार के खिलाफ सबुत संग्रह किया एवं उन्ही के अधार पर झारखंड उच्च न्यायालय ने 2008 में जनहित याचिका दायर कर लड़ाई की शुरुआत कि। सैकड़ो बार हास्यास्पद दौर आया, लड़ाई के समर्थन में भी हजारों लोग साथ आए। लंबे संघर्ष का परिणाम रहा की भ्रष्टाचार के आरोप में मुख्यमंत्री समेत कई मंत्री और अधिकारियों को जेल जाना पड़ा। इस बीच 2010 में राज्यसभा चुनाव में मामला आया। इसी वर्ष टाटा ने सब लीज को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर किया। पुनः 2016 में राज्यसभा चुनाव में मामला लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर किया। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जनहित याचिका चल रही है।
झारखंड अगेंस्ट करप्शन का किया गया गठन
इस दौरान 30 अक्टूबर 2012 को झारखंड अगेंस्ट करप्शन संस्था का निर्माण दुर्गा जी के द्वारा किया गया जिसमें संगठित और एकजुट होकर लोगों को जागृत कर लड़ाई लड़ी गयी। प्रयास सराहनीय रहा, विभिन्न पाखंडों में शिविर लगाकर संस्था के माध्यम से समस्या के निदान किया गया। सामाजिक दृष्टिकोण से भी झारखंड में घट रही घटनाओं पर हमेशा शासन और प्रशासन को सुचित कर उचित समाधान का निवेदन किया गया है।
अभी तत्काल सितंबर 2024 में वीर होर समुदाय के लोगों की मौत पर संज्ञान लेकर जिले के उपायुक्त को उचित प्रयास करने का आदेश दिया गया। इन्हीं संघर्ष के समय में दुर्गा उरांव छोटे-बड़े लोगों से मिले।दुर्गा जी के लिए किरण बेदी से मिलना संघर्षों को लेकर बात करना और उनकी सलाह मानना प्रमुखता सी रही। झारखंड उच्च न्यायालय में शुरुआत से अभी 2025 तक कुल 53 मामलों में ट्रायल चल रहा है। झारखंड अतिथि देवो भव की धरती से आप सभी को जोहार, सम्मान संघर्ष के लिए तो दुर्गा उरांव भी हकदार है।
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